पांच राज्यों में टीबी के उन्मूलन की प्रगति की समीक्षा करने और भविष्य की रणनीति बनाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर में दो दिवसीय पूर्वी जोन की जोनल टास्क फोर्स की कार्यशाला मंगलवार से प्रारंभ हुई। इस अवसर पर समीक्षकों ने पांचों राज्यों की टीबी उन्मूलन संबंधी प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए वर्ष 2025 तक टीबी के उन्मूलन की अंतिम रणनीति बनाने का आह्वान किया। छत्तीसगढ़ ने स्वयं के लिए और अधिक महत्वकांक्षी लक्ष्य रखते हुए वर्ष 2023 तक राज्य से टीबी मिटाने का संकल्प व्यक्त किया है। कार्यशाला का उद्घाटन पद्मश्री और देशभर में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के प्रणेता पीजीआई चंडीगढ़ के प्रो. दिगंबर बेहरा ने किया कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव निहारिका बारिक सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. प्रियंका शुक्ला, डॉ. रघुराम राव, डीएडीजी, स्वास्थ्य निदेशक महानिदेशालय एवं एम्स रायपुर के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने उक्त विषय पर अपने अपने विचार व्यक्त किये I कार्यशाला में स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक डॉ. एस.एल. एडिल, आयोजन सचिव डॉ. अजॉय कुमार बेहरा, उप-निदेशक (प्रशासन) नीरेश शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. करन पीपरे, डॉ. उज्जवला गायकवाड़ और डॉ. एस.के. साही उपस्थित थे। डॉ. बेहरा ने बताया कि कार्यशाला में पहले दिन सभी राज्यों की प्रगति की समीक्षा की गई और टीबी के इलाज की नई पद्धतियों के बारे में चिकित्सकों को बताया गया।